“एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी” और “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” वाली कहावत हो रही चरितार्थ, खुद हैं बालू माफिया और पुलिस के सहयोगी को बना रहें हैं दलाल।

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“एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी” और “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” वाली कहावत हो रही चरितार्थ, खुद हैं बालू माफिया और पुलिस के सहयोगी को बना रहें हैं दलाल।

 

 

संपादक प्रशांत रंजन की कलम से ✍️

नवादा, बिहार। जिले में एक ऐसा भी मामला देखने और सुनने को मिल रहा है। जहां एक बालू माफिया चोर और उसके समर्थकों ने पुलिस के सहयोगी को दलाल बता दिया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई उस बालू माफिया ने पुलिस की झूठी शिकायत भी कर डाली। बात वही हो गई कि “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” वहीं सबसे आश्चर्य की बात तो तब हुई जब बालू माफिया ने अपनी करतूत छिपाने और पुलिस को नीचा दिखाने और दबाव बनाने के लिए झूठी कहानी और शिकायत को एक दैनिक पत्र का सहारा लिया। वहीं दैनिक पत्र भी बिना कुछ सोचे और समझे उस बालू माफिया की बातों को व्यक्तिगत भावना में आकर प्रसारित कर डाला जो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। आपको बता दें कि यह उस समय से शुरू हुआ जब नवादा जिले के अकबरपुर के सुपर कॉप थानेदार ने बालू माफिया की कमर तोड़ दी और दर्जनों से अधिक मुकदमे दर्ज किए। इसी को लेकर बौखलाए बालू माफियाओं ने थानेदार और पुलिसकर्मी को ही घेरने की झूठी कहानी और आरोप गढ़ने लगे।

गौरतलब है कि विगत कुछ दिन पहले नवादा जिले के अकबरपुर में तैनात सहायक अवर निरीक्षक संजय भारती के द्वारा कोसुम्हार के खुरी नदी से अवैध बालू खनन एवं परिवहन कर रहे एक ट्रैक्टर को पकड़ा था। ट्रैक्टर पकड़े जाने पर वहां मौजूद ट्रैक्टर के मालिक और उसके गुर्गों द्वारा जबरन ट्रैक्टर छुड़ाकर लेकर निकल गया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। वहीं पुलिस के पूरे दलबल द्वारा किए गए जवाबी कार्रवाई में ना सिर्फ उस ट्रैक्टर को जब्त किया गया, बल्कि सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। वहीं इसके साथ साथ छह से सात अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया। नामजद में (1) पंकज कुमार उर्फ पाकों पिता ब्लू सिंह (2) अमित कुमार पिता ब्लू सिंह (3) अनिश कुमार पिता पूजन सिंह (4) राहुल कुमार पिता शंकर सिंह (5) रोहित कुमार पिता शंकर सिंह (6) विकास कुमार पिता आशु सिंह (7) आनन्द कुमार पिता गोपाल सिंह सभी कोसुम्हार थाना अकबरपुर जिला नवादा को अभियुक्त बनाया गया। सभी लोग का बालू माफिया गिरोह के हैं। जो संगठित होकर चोरी छिपे नदी से बालू का उठाव करते है। थानाध्यक्ष ने उक्त लोगो के विरुद्ध विधिसम्मत कानूनी कार्यवाही की। वहीं इस कांड का अनुसंधानकर्ता प्रभात चन्द्रा को बनाया गया और अनुसंधान कर्ता अपने सरकारी कर्तव्यों को पालन करते हुए जांच शुरू की और प्रारंभिक जांच में मामला प्रथम दृष्ट्या सत्य प्रतीत हुआ और नामजद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में जुट गई। पुलिस की कार्रवाई के भय से उक्त प्राथमिकी में नामजद आरोपी के भाई के द्वारा मामला रफादफा करने की तरकीब ढूंढने लगे और पुलिस पर ही झूठे दवाब बनाने की कोशिश में लग गए। लेकिन सुपर कॉप थानाध्यक्ष संजित राम से अपराधी सैकड़ों मीटर दूर भागते हैं। तो ऐसे में बात बनेगी कैसे तो अभियुक्त अमित कुमार के द्वारा पांति गांव के योगी नामक शख्स से जो कि थाने में प्राइवेट चालक हैं जो पिछले कई बर्षो से अपनी सेवा देते आ रहें है अभियुक्त ने उनसे संपर्क साधा तो यहां भी अभियुक्त अमित कुमार को निराशा ही हाथ लगी। फिर एक शख्स रणवीर कुमार नामक से सम्पर्क किया, चुकी रणबीर कुछ महीने पहले अकबरपुर थाने में सहायक अवर निरीक्षक को कॉल रेकॉर्डिंग को वायरल करने में इनकी नाम चर्चा में आई थी। इनसे संपर्क इस लिए किया गया कि ताकि अनुसंधानकर्ता से पुनः कुछ बाते कर उनकी कॉल रिकॉर्ड कर अमित को दे सके। लेकिन रणवीर के द्वारा अमित को मना कर दिया गया। इसी बात को लेकर दोनो में अकबरपुर चौक पर ही तीखी बहस हो गयी। फिर क्या अभियुक्त अमित ने योगी और रणवीर को भी सबक सिखाने को ठान ली और जगह जगह पत्राचार करने लगा और योगी और रणवीर पर थाने में दलाली करने का आरोप लगा दी। इस बाक्या पर एक और कहावत है “एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी”।

 

 

 

 

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